कालसर्प दोष चार्ट

Kaal Sarp Dosh Puja
कालसर्प दोष चार्ट

कालसर्प दोष चार्ट – संपूर्ण मार्गदर्शन और विश्लेषण

कालसर्प दोष वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण योग है, जिसे कई लोग जीवन में आने वाली परेशानियों का एक प्रमुख कारण मानते हैं। यह तब बनता है जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित हो जाते हैं। इस दोष को समझने के लिए कालसर्प दोष चार्ट (Kaal Sarp Dosh Chart) का अध्ययन आवश्यक है, क्योंकि यही चार्ट इस दोष के प्रकार, प्रभाव और समाधान के बारे में सटीक जानकारी देता है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि कालसर्प दोष चार्ट क्या है, इसे कैसे पढ़ते हैं, इसमें कौन-कौन से प्रकार होते हैं, और यह जीवन को कैसे प्रभावित करता है


1. कालसर्प दोष चार्ट क्या है?

कालसर्प दोष चार्ट एक ज्योतिषीय आरेख है जो व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु की स्थिति को दर्शाता है। जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आते हैं, तो चार्ट में एक विशेष पैटर्न बनता है।

यह चार्ट हमें निम्नलिखित बातें बताता है:

  • दोष का प्रकार

  • दोष की तीव्रता

  • किन भावों (हाउस) में राहु और केतु स्थित हैं

  • दोष के कारण जीवन के कौन से क्षेत्र प्रभावित होंगे

  • निवारण के लिए उचित समय


2. कालसर्प दोष बनने की शर्तें चार्ट में

चार्ट में दोष पहचानने के लिए तीन मुख्य शर्तें होती हैं:

  1. सभी ग्रह राहु और केतु के बीच होने चाहिए।

  2. राहु और केतु जन्म कुंडली में 180 डिग्री के अंतर पर स्थित हों।

  3. दोष की पुष्टि के लिए ग्रह किसी भी दिशा में राहु और केतु के बाहर नहीं होने चाहिए।

यदि ये तीनों शर्तें पूरी होती हैं, तो कालसर्प दोष चार्ट में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।


3. कालसर्प दोष चार्ट का महत्व

कालसर्प दोष चार्ट से व्यक्ति को यह समझने में मदद मिलती है कि:

  • जीवन में किस समय पर बाधाएँ आएंगी।

  • कौन-से क्षेत्र (करियर, विवाह, स्वास्थ्य, धन) अधिक प्रभावित होंगे।

  • दोष के प्रभाव कम या ज्यादा कब होंगे।

  • निवारण उपाय कब और कहाँ करने चाहिए।


4. कालसर्प दोष चार्ट के 12 प्रकार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कालसर्प दोष के 12 मुख्य प्रकार होते हैं, जो चार्ट में राहु-केतु की स्थिति के आधार पर तय किए जाते हैं।

दोष का प्रकारराहु की स्थितिकेतु की स्थितिमुख्य प्रभाव
अनन्त कालसर्प दोषलग्न में राहुसप्तम में केतुविवाह और रिश्तों में बाधा
कुलिक कालसर्प दोषद्वितीय में राहुअष्टम में केतुआर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्या
वासुकी कालसर्प दोषतृतीय में राहुनवम में केतुकरियर और विदेश यात्रा में अड़चन
शंखपाल कालसर्प दोषचतुर्थ में राहुदशम में केतुपारिवारिक कलह, घर में तनाव
पद्म कालसर्प दोषपंचम में राहुएकादश में केतुशिक्षा और संतान सुख में बाधा
महापद्म कालसर्प दोषषष्ठ में राहुद्वादश में केतुशत्रु और मानसिक तनाव
तक्षक कालसर्प दोषसप्तम में राहुलग्न में केतुविवाह टूटने की संभावना
कर्कोटक कालसर्प दोषअष्टम में राहुद्वितीय में केतुदुर्घटना, स्वास्थ्य संकट
शंखचूड़ कालसर्प दोषनवम में राहुतृतीय में केतुभाग्य में कमी, धार्मिक बाधाएँ
पातक कालसर्प दोषदशम में राहुचतुर्थ में केतुनौकरी में अस्थिरता
विषधर कालसर्प दोषएकादश में राहुपंचम में केतुनिवेश और धन हानि
शेषनाग कालसर्प दोषद्वादश में राहुषष्ठ में केतुऋण और कानूनी मामले

5. कालसर्प दोष चार्ट को पढ़ने की प्रक्रिया

चार्ट पढ़ने के लिए आपको यह देखना होगा:

  • राहु और केतु के बीच ग्रहों की क्रमबद्ध स्थिति।

  • कौन सा भाव सबसे अधिक प्रभावित है।

  • ग्रहों की दृष्टि (Aspect) से कोई राहत मिल रही है या नहीं।

  • दशा और अंतरदशा का मेल दोष के प्रभाव को बढ़ा रहा है या घटा रहा है।


6. कालसर्प दोष चार्ट में देखे जाने वाले अन्य संकेत

  • यदि राहु या केतु पर शुभ ग्रहों की दृष्टि है, तो दोष का प्रभाव कम हो सकता है।

  • यदि राहु और केतु नीच राशि में हैं, तो समस्याएँ अधिक हो सकती हैं।

  • दोष के साथ पितृ दोष या मांगलिक दोष होने पर प्रभाव तीव्र हो सकता है।


7. कालसर्प दोष चार्ट के आधार पर निवारण उपाय

चार्ट देखने के बाद, ज्योतिषाचार्य उचित निवारण सुझाते हैं:

  • कालसर्प दोष निवारण पूजा – त्र्यंबकेश्वर, उज्जैन, या काशी में कराना।

  • मंत्र जाप – राहु बीज मंत्र और केतु बीज मंत्र का जाप।

  • रुद्राभिषेक – सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाना।

  • नाग पूजा – नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करना।


8. कालसर्प दोष चार्ट और सही समय का चयन

चार्ट में दोष की तीव्रता के आधार पर पूजा का समय तय किया जाता है।

  • राहु महादशा / केतु महादशा में निवारण करना अधिक लाभकारी है।

  • अमावस्या, नाग पंचमी, और श्रावण मास में पूजा के परिणाम तीव्र होते हैं।


9. कालसर्प दोष चार्ट से जुड़ी सामान्य भ्रांतियाँ

  • भ्रांति: कालसर्प दोष जीवनभर नहीं छूटता।
    सत्य: सही पूजा और कर्म से दोष का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।

  • भ्रांति: हर व्यक्ति जिसके चार्ट में राहु-केतु हैं, उसे कालसर्प दोष होता है।
    सत्य: दोष तभी होता है जब सभी ग्रह राहु-केतु के बीच हों।


10. कालसर्प दोष चार्ट – FAQs

प्र. 1 – क्या कालसर्प दोष चार्ट ऑनलाइन बन सकता है?

हाँ, कई ज्योतिष सॉफ्टवेयर और वेबसाइट ऑनलाइन चार्ट तैयार करते हैं, लेकिन सटीक विश्लेषण के लिए अनुभवी ज्योतिषी जरूरी है।

प्र. 2 – चार्ट से पता चलने के बाद तुरंत पूजा करनी चाहिए?

यदि दोष सक्रिय दशा या गोचर में है, तो जल्द पूजा कराना लाभकारी होता है।

प्र. 3 – क्या चार्ट में दोष दिखने पर जीवनभर असर रहेगा?

पूजा और सही जीवनशैली से असर कम हो सकता है और जीवन संतुलित हो सकता है।

प्र. 4 – क्या कालसर्प दोष चार्ट और पितृ दोष चार्ट अलग होते हैं?

हाँ, दोनों दोष अलग हैं और उनकी पहचान व निवारण प्रक्रिया भी अलग है।


11. निष्कर्ष – चार्ट से समाधान की दिशा

कालसर्प दोष चार्ट व्यक्ति के जीवन का एक आईना है, जो भविष्य की चुनौतियों और संभावित समाधानों को दिखाता है। सही समय पर सही उपाय अपनाने से न केवल दोष का प्रभाव कम होता है, बल्कि जीवन में संतुलन, सफलता और शांति भी आती है।

यदि आपके चार्ट में यह दोष दिख रहा है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें — बल्कि अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लें और समय पर निवारण करें।

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