चढ़ता काल सर्प दोष उपाय

Kaal Sarp Dosh Puja
चढ़ता काल सर्प दोष उपाय

चढ़ता काल सर्प दोष उपाय: सम्पूर्ण मार्गदर्शन

ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को अत्यंत प्रभावशाली और जीवन को प्रभावित करने वाला योग माना जाता है। जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब यह दोष बनता है। कई बार व्यक्ति की कुंडली में यह दोष चढ़ते क्रम (उदयमान प्रभाव) में होता है, जिसे चढ़ता कालसर्प दोष कहा जाता है। यह स्थिति जीवन के विभिन्न क्षेत्रों—जैसे करियर, विवाह, धन, और मानसिक शांति—पर नकारात्मक असर डाल सकती है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि चढ़ता कालसर्प दोष क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं, और इससे मुक्ति पाने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं। साथ ही, हम यह भी समझेंगे कि क्यों इसे तुरंत शांति करना आवश्यक माना जाता है।


चढ़ता कालसर्प दोष क्या है?

चढ़ता कालसर्प दोष तब बनता है जब राहु की स्थिति के प्रभाव में आने से ग्रह धीरे-धीरे इस योग को मजबूत करते हैं। यह दोष व्यक्ति के जीवन में शुरुआती वर्षों से ही कठिनाइयों का अनुभव कराता है और समय के साथ इसका असर और गहरा होता जाता है।

  • इसे उदयमान कालसर्प दोष भी कहते हैं।

  • यह धीरे-धीरे जीवन की खुशियों को कम करता है।

  • यदि समय पर उपाय न किया जाए, तो यह जीवन के कई क्षेत्रों में बाधा उत्पन्न करता है।


चढ़ता कालसर्प दोष के लक्षण

कई लोग यह सवाल करते हैं – “कैसे पता चले कि कुंडली में चढ़ता कालसर्प दोष है?”

इसके कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  1. बार-बार असफलता का सामना करना, भले ही प्रयास पूरे हों।

  2. अचानक धन हानि या आर्थिक संकट।

  3. विवाह या संतान सुख में बाधा।

  4. स्वप्न में सांप दिखना या भय का अनुभव होना।

  5. मानसिक अशांति और आत्मविश्वास की कमी।

  6. धार्मिक कार्यों में रुकावट आना।


चढ़ता कालसर्प दोष का प्रभाव

यह दोष जीवन को कई स्तरों पर प्रभावित करता है:

  • करियर में अड़चनें: मेहनत करने के बावजूद पदोन्नति या सफलता में देरी।

  • विवाह जीवन में कठिनाई: देर से विवाह होना या दांपत्य जीवन में असहमति।

  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या: लगातार मानसिक तनाव और अनिद्रा।

  • धन और संपत्ति की हानि: अचानक आर्थिक संकट या हानि।


चढ़ता कालसर्प दोष निवारण के उपाय

अब प्रश्न उठता है – “चढ़ता कालसर्प दोष से मुक्ति कैसे पाएं?”

1. कालसर्प दोष शांति पूजा

त्र्यंबकेश्वर (नाशिक) और उज्जैन जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों पर यह पूजा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।

  • विशेष विधि से मंत्रोच्चारण और हवन किया जाता है।

  • पूजा के बाद दोष का असर काफी कम हो जाता है।

2. महामृत्युंजय जाप

  • भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र जाप चढ़ते कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करता है।

  • कम से कम 108 बार नियमित जाप करना शुभ माना जाता है।

3. रुद्राभिषेक

  • शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करके रुद्राभिषेक करना लाभकारी है।

  • इससे मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

4. नाग पंचमी पर पूजा

  • नाग देवता की पूजा करना और दूध अर्पित करना दोष निवारण का सरल उपाय है।

  • नाग पंचमी के दिन यह विशेष प्रभावी होता है।

5. रुद्राक्ष धारण करना

  • आठ मुखी या नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चढ़ते कालसर्प दोष में लाभकारी माना जाता है।

  • यह आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्रदान करता है।

6. दान और सेवा

  • अन्न, वस्त्र, और जरुरतमंदों की सेवा करना भी इस दोष को कम करता है।

  • विशेष रूप से काले तिल, सरसों का तेल और चांदी का दान शुभ माना जाता है।


चढ़ता कालसर्प दोष में विशेष मंत्र

  • ॐ नमः शिवाय

  • ॐ हं हनुमते नमः

  • ॐ त्र्यंबकं यजामहे… (महामृत्युंजय मंत्र)

इन मंत्रों का नियमित जाप करने से चढ़ते कालसर्प दोष का असर काफी हद तक कम होता है।


क्या केवल पूजा ही पर्याप्त है?

कई लोग पूछते हैं – “क्या केवल पूजा कराने से दोष पूरी तरह से खत्म हो जाता है?”

उत्तर है – पूजा से दोष का प्रभाव काफी कम हो जाता है, लेकिन जीवन में सही आचरण, नियमित साधना, और सकारात्मक कर्म भी आवश्यक हैं। पूजा एक सशक्त उपाय है, परंतु इसे अच्छे विचार और कर्मों से ही स्थायी बनाया जा सकता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: चढ़ता कालसर्प दोष कब सबसे ज्यादा असर करता है?
उत्तर: जब राहु-केतु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, तब इसका प्रभाव चरम पर होता है।

प्रश्न 2: क्या चढ़ता कालसर्प दोष का स्थायी निवारण संभव है?
उत्तर: हाँ, विशेष पूजा और उपायों से इसका प्रभाव काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 3: क्या हर किसी को त्र्यंबकेश्वर जाकर ही पूजा करनी चाहिए?
उत्तर: त्र्यंबकेश्वर में पूजा अत्यधिक प्रभावी होती है, लेकिन योग्य पंडित द्वारा अन्य स्थानों पर भी यह शांति की जा सकती है।

प्रश्न 4: क्या रुद्राक्ष धारण करने से तुरंत लाभ होता है?
उत्तर: रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास तुरंत मिलता है, लेकिन स्थायी लाभ के लिए नियमित पूजा आवश्यक है।

प्रश्न 5: क्या ऑनलाइन पूजा बुक करना संभव है?
उत्तर: जी हाँ, आजकल कई सेवाओं के माध्यम से त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन में कालसर्प शांति पूजा ऑनलाइन बुक की जा सकती है।


निष्कर्ष

चढ़ता कालसर्प दोष जीवन में कई बाधाओं का कारण बन सकता है। हालांकि, उचित समय पर किए गए उपाय जैसे कालसर्प दोष शांति पूजा, महामृत्युंजय जाप, रुद्राभिषेक, रुद्राक्ष धारण और दान से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।

यदि आपकी कुंडली में चढ़ता कालसर्प दोष है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। नियमित पूजा, सकारात्मक विचार और सही दिशा में किए गए उपाय आपको निश्चित रूप से सफलता और शांति प्रदान करेंगे।

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